शनिवार, 12 नवंबर 2016

बंजर जाम

बैठे मयखाने,और हाथ मे जाम खाली। 
मदहोश थे हम पीकर इश्क का पानी ,
अब इस इश्क के नशे मे, 
अंगुरी पानी क्या असर दिखाता 
बंजर थी  मेरी मोहब्बत की जमी,
इसकी प्यास जाम भरके भी क्या बुझाता
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Bethe Meykhane Or Hath M Jaam Khali,
Madhosh The Hum Peekr Ishq Ka Pani,
Abe Ise Ishq K Nashe M,
Anguri Paani Kya Asar Dikhata,
Banjar Thi Meri Mohobat Ki Jami,
Isqi Piyas Jaam Bharkr Bhi Kya Bujhata, 


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